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Earnings Per Share (EPS)

 Company का Analysis करते के लिए हमें बहुत सारी चीज़े देखनी पड़ती है उसमें से ही एक हे 'Earnings Per Share (EPS)'


                      

                 Earnings Per Share (EPS) 


             Shareholder कंपनी में भागीदार होते है तो कंपनी जो Profit कमाती है उन पर उनका हक होता है पर कंपनी अपना पूरा Profit Shareholder के साथ साझा (Share) नहीं करती है ऐसा इस लिए क्युकी ज्यादातर कंपनी अपना ज्यादातर या पूरा Profit कंपनी में reinvest करना पसंद करती है ताकि कंपनी का Business और आगे बढ़े और भविष्य में कंपनी के Shareholders को उसका फायदा मिले।

    (EPS) या नी Earnings Per Share मतलब अगर कंपनी अपना पूरा Profit Shareholder के साथ साझा (Share) करती थी तो एक Share के पीछे Shareholder को कितने रूपिए मिलते,


          कंपनी का Net Profit आपको Profit & Loss statement में मिलेगा। 
        Company के NO.OF OUTSTANDING SHARE पता करने के लिए          


अच्छा होगा की कंपनी का MARKET CAPITALISATION और कंपनी की SHARE PRICE Market Close होने के बाद की लीजिए। 

उदाहरण :-
                        CDSL का साल 2016-2017 का EPS निकाल ते है तो CDSL के NO.OF OUTSTANDING SHARE पता करने के लिए हमें CDSL के MARKET CAPITALISATION को उसकी SHARE PRICE से divide करना होगा,


      TOTAL NO.OF OUTSTANDING SHARE निकाल ने के बाद अब EPS निकाल ते है,



    आज कल EPS तैयार मिल जाता है जो पिछले 12महीने का होता है इस लिए आपको उसे निकाल ने की जरूरत नहीं आपको जरूरत है तो उसे Analysis करने की, लेकिन एक-दो साल का EPS निकाल कर काम नहीं चलता है आपको पिछले 5-6 साल का EPS देखना होगा।
                EPS जितना ज्यादा उतना अच्छा अगर कंपनी का EPS पिछले 5-10 सालो से बढ़ रहा है तो वो एक अच्छी बात है लेकिन ये जान ना आपके लिए बहुत जरूरी है की EPS क्यों बढ़ रहा है उसके पीछे का क्या कारण है,
       कंपनी ने अपने Business में क्या changes (परिवर्तन) लाए है कंपनी का कोन सा Product अच्छा Performance कर रहा है जिससे कंपनी का Profit और EPS बढ़ रहा है इन जैसी सारी चीज़े आपको पता करनी होगी इन सब चीजों को समझ ने के लिए कंपनी के Business को अच्छे से समझ ना होगा और छोटी छोटी बातों पर ध्यान देना होगा।
            कई बार कंपनी बहुत सारा Loan उठाती है और वो पैसा Business में डाल कर कंपनी अपनी कमाई और EPS बढ़ाती है, कंपनी एक हद तक Loan लेती है तब तक ठीक है पर कंपनी हद से ज्यादा Loan ले रही है तो ऐसी कंपनी का EPS बढ़ भी रहा है तो आगे चलकर कंपनी और Investor's के लिए घातक साबित हो सकता है।
          EPS Fundamental का ऐक छोटा सा हिस्सा है तो आपको इसके अलावा भी कई सारे Ratio और चीजे और भी देखनी होगी बाद में आप Investment का निर्णय ले सकते है।

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